हमारे शास्त्रों में ओउम ध्वनि को विशेष महत्व दिया गया है , प्राचीन काल में ऋषि मुनि जब वर्षो तक तपस्या करते थे तो ये "ओउम...
हमारे शास्त्रों में ओउम ध्वनि को विशेष महत्व दिया गया है , प्राचीन काल में ऋषि मुनि जब वर्षो तक तपस्या करते थे तो ये "ओउम" ध्वनि उनको काफी शक्ति प्रदान करती थी .शास्त्रों के अनुसार समस्त बिरम्हांड इस "ओउम" ध्वनि में समाया हुआ है ओउम कोई शब्द नहीं बल्कि एक ध्वनि है शास्त्रों के अनुसार ये सर्वशक्तिमान है ! ये ध्वनि भगवान् का ही एक नाम है अतः इसके जाप से हम भगवान् को भी याद करते है !
अब इसके बारे में ज्यादा विस्तार से न बताकर आइये बात करते है की "ओउम" ध्वनि सेहत के लिए कैसे लाभप्रद है !
सबसे पहले तो ऐसा माना जाता है की ओउम ध्वनि का उच्चारण हमारे वातावरण को शुद्ध करता है दुसरे ओउम ध्वनि मष्तिस्क के लिए काफी हितकारी है ! इसका उच्चारण करने से न केवल मष्तिस्क के रोगों से छुटकारा मिलता है बल्कि मष्तिस्क का व्यायाम भी होता है जब हम ओउम ध्वनि का उच्चारण करते है तो इससे उत्पन्न कम्पन्न हमारे मष्तिस्क को शांति और स्थिरता प्रदान करते है और सकारात्मक सोच बढाने में भी सहायक है ,
जब हमारे मष्तिस्क के अस्वस्थ होने के कारण उसके आंतरिक तंत्र में गड़बड़ी आती है तो इसका असर हमारी स्मरण शक्ति पर पड़ता है जो की कम होती जाती है ऐसा खासकर 6० वर्ष की आयु के बाद होता है ऐसे में ओउम ध्वनि का उच्चारण काफी लाभप्रद है स्मरण शक्ति को भी बढाता है एक विशेष बात ये है की जब आप किसी कार्य में व्यस्त हो य ड्राइविंग कर रहे तो ओउम ध्वनि को न सुने (खासकर ऐसे काम जिनमे मष्तिस्क की एकाग्रता की जरूरत होती है )
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