हमारे देश में 26 जनवरी का अपना विशेष महत्व है। यह एक राष्ट्रीय पर्व है। इस दिन हमारे देश का संविधान लागू हुआ , देश में क़ानून के हिसाब से न...
हमारे देश में 26 जनवरी का अपना विशेष महत्व है। यह एक राष्ट्रीय पर्व है। इस दिन हमारे देश का संविधान लागू हुआ , देश में क़ानून के हिसाब से नये राज की शुरुवात हुयी।
आज के दिन संविधान सभा के सदस्यों की कलम से लिखे गये संविधान को अपना वजूद हासिल हुआ। डॉ. भीमराव आंबेडकर, जवाहरलाल नेहरू, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद इस सभा के प्रमुख सदस्य थे। देश के संविधान निर्माण में कुल 22 समितियां थीं। जिनमे प्रारूप समिति सबसे महत्वपूर्ण थी जिसकी अहम् जिम्मेदारी सारे संविधान को लिखना और उसे एक विशेष रूप देना थी । डॉ. भीमराव आंबेडकर इस समिति का अध्यक्ष बनाया गया।
पर आज सवाल यह है की क्या आज भारतीय संविधान के कोई मायने हैं ? शायद हैं भी या नहीं भी। देश की सरकारे सत्ता के लालच को पूरा करने के लिए अपनी सहूलियत , अपने फायदे के हिसाब से संविधान से छेड़ छाड़ करने में लगी हैं।
डॉ. भीमराव आंबेडकर जी संविधान बनाते समय एक भूल जरूर हुयी है आपसे , कि आपने मंत्री बनने के लिए कोई योग्यता नहीं निर्धारित की। देश के हालत यह हैं कि चपरासी एम.ए. पास और मंत्री अंगूठा छाप। हालात यह हैं कि प्रतिभावान दर दर के ठोकरे खा रहे हैं और संविधान के कातिल देश चला रहे हैं।
इनके मरने के बाद भी , राजकीय सम्मान के साथ इनका अंतिम संस्कार होगा , इनको तोपों से सलामी दी जायेगी। इनका मरना भी एक तयोहार जैसा होता है। मेला सा लगता है , खूब भीड़ जमा होती है । मरने के बाद भी शहर में चौराहो पर ये लोग स्टैच्यू बनकर जिये जाते हैं। दूसरी तरफ देश में ऐसे भी हैं जिनकी अरथी को कोई कन्धा तक देने नहीं आता।
यही होता आया है और यही होता रहेगा। क्या कहे साहब जनता के पैसो पर मजे करने वाले ,आसमान में उड़ कर सफर करने वाले मुल्क के इन मालिकों को भारत की धरती पर गरीबी की रेखा नहीं दिखाई देती किन्तु देश की जनता की सुरक्षा के लिए , उसको उसका हक़ दिलवाने के लिए संविधान तुम्हे जिन्दा रहना होगां।
सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाये !
- मनोज कुमार
COMMENTS