दोस्तों आज कल हम जिस तरह कि भाग दौड़ वाली जिंदगी जी रहे हैं , उस माहौल में हमारी जिंदगी की गाडी कितने समय तक चलने वाली है इस बारे में कु...
दोस्तों आज कल हम जिस तरह कि भाग दौड़ वाली जिंदगी जी रहे हैं , उस माहौल में हमारी जिंदगी की गाडी कितने समय तक चलने वाली है इस बारे में कुछ कहना मुस्किल है. हमको ऑफिस में दिए गए काम को दी गयी तारीख तक ख़त्म कारन होता है जिसके लिए हमको ज्यादा देर तक काम करना पड़ता है , तो कभी कभी हम सुरुवात में काम पर ध्यान नही देते और बाद में तरीक पास आने पर हमको ज्यादा देर तक काम करना पड़ता है। कभी कभी स्टूडेंट ज्यादा मार्क्स लाने के लिए ज्यादा देर तक पढ़ना होता है तो कभी कभी हमको अपने खर्चो को पूरा करने के लिए ज्यादा पैसे चाहिए होते हैं तो काम भी ज्यादा देर तक करना पड़ेगा बोले तो ओवरटाइम का अलग पैसा ! कुल मिलकर सब कुछ ज्यादा ही ज्यादा हो रहा है , सबको ज्यादा ही चाहिए ! लेकिन इस ज्यादा के चक्कर में जो अनमोल चीज काम हो रही है उस पर हमारा ध्यान ही नही जाता ।
अभी हाल ही में फ़्रांस की "Toulouse" और "Swanesa" यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिको ने 3000 लोगो पर किये गए अपनी एक शोध में पाया कि जो लोग रोटेटिंग शिफ्ट में जॉब करते हैं ( जैसे कि एक सप्ताह दिन में तो एक सप्ताह रात में ) उनमे याददाश्त कमजोर होने का खतरा बढ़ जाता है और और उनकी मानसिक कार्यक्षमता भी कम हो जाती है। साथ ही साथ शिफ्ट में जॉब करना दिमाग के अलावा हमारे शरीर कि अन्य गतिविधियों पर भी बुरा असर डालता हैं और अन्य बिमारिओ को भी जन्म देता है।
फ्रांस की "Swanesa University " के प्रोफेसर Dr. Philip Tucker के अनुसार शिफ्ट में जॉब करना हमारी दिमागी क्षमता को भी कम कर देता है फ्रांस में इस शोध पर काम कर रहे शोध्कर्ताओ ने 10 साल तक ऐसे लोगो कि मानसिक क्षमताओ का समय समय पर अध्यन्न किया जो शिफ्ट में जॉब करते हैं , फ़्रांस में ये अध्यन्न इस प्रकार के लोगो पर 1996, 2001, 2006 में किये गए और शोध में पाया गया कि उनकी याददाश्त और दिमागी क्षमता 2001 में 1996 कि अपेक्षा कम थी और 2006 में ये और भी कम हो गयी जिन लोगो पर ये अध्ययन किया गया उनमे 32, 42, 52 और 62 वर्ष की आयु के वो लोग थे जो शिफ्ट में जॉब करते हैं।
शोध में उन्होने ये भी पाया कि जिन लोगो ने रोटेटिंग शिफ्ट में काम करना बंद कर दिया और वो एक ही शिफ्ट (जैसे कि दिन) में काम करने लगे तो उनकी मानसिक कार्यक्षमताओ और मानसिक गतिविधियों में सुधार पाया गया और यादशत में भी। अनत में इन शोधकर्ताओं का कहना है कि रोटेटिंग शिफ्ट में काम करना बंद करके लगातार कुछ वर्षो तक किसी एक ही शिफ्ट में काम करके फिर से मानसिक कार्यक्षमता और याद्दाशत को सुधरा जा सकता है मगर इसमें कम से कम 5 साल तक का समय लगता है।
इस शोध के बारे में अधिक जानकारी के लिए आप रिफरेन्स में दिए गए लिंक पर क्लिक करे।
Refenrence;- http://www.forbes.com/sites/robertglatter/2014/11/04/long-term-shift-work-linked-to-impaired-brain-function/
इस शोध के बारे में अधिक जानकारी के लिए आप रिफरेन्स में दिए गए लिंक पर क्लिक करे।
Refenrence;- http://www.forbes.com/sites/robertglatter/2014/11/04/long-term-shift-work-linked-to-impaired-brain-function/
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