शिक्षा को बिज्निस बनाने वाले लोगो कि ही जेबे भरी जा रही है, काफी कालिज ऐसे है जो ए आई सी टी ई के नियमो को बिलकुल भी पुरा नही कर पा रहे फि...



शिक्षा को बिज्निस बनाने वाले लोगो कि ही जेबे भरी जा रही है, काफी कालिज ऐसे है जो ए आई सी टी ई के नियमो को बिलकुल भी पुरा नही कर पा रहे फिर भी अपनी दुकान मजे से चला रहे है यहाँ मै एक
बहुत ही सोचनीय विषय पर बात करने जा रहा हूँ. दरअसल पिछले 10 सालो में उत्तर प्रदेश में प्राइवेट इंजीनियरिंग कालिजो की संख्या में ऐसी बढ़त हुयी है की उत्तर प्रदेश प्राविधिक विश्वविध्यालय को दो पार्ट में बाटा गया . इसमे कालिजो की संख्या 800 के पास हो गयी है और अब इसके दो पार्ट है जी बी टी यू एंड ऍम टी यू .लेकिन क्या ऐसा करने से कुछ सही हुआ ?
इतना ही नहीं सबसे जायदा लाचार तो कंप्यूटर साइंस और आई टी से बी टेक करने वाले है क्यों की एम् सी ए, बी सी ए , और दुसरे सॉफ्टवेर कोर्स करने वाले भी उनके लिए अवसरों को काफी कम कर देते है. सरकार भी कंप्यूटर साइंस से बीटेक करने वालो पर महरबान नहीं है , क्यों की जयादातर सरकारी कंपनियों में मेकेनिकल , इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रोनिक्स की ही जायदा पोस्ट होती है. बेचारे कंप्यूटर साइंस से बीटेक करने वाले तो आई इ एस की परीक्षा भी नहीं दे सकते .
जहा तक मै समजता हूँ की आज के बीटेक स्टुडेंट में वो कुआलिटी नहीं आ पा रही है जो अब से 6 या 7साल पहले थी. कारण बड़ते हु ए इंजीनियरिंग कॉलेज .ए आई सी टी ई भी इन को मान्यता दे देती है और यूनिवर्सिटी भी .आज कल जिस के पास पैसा है हर कोई इंजीनियरिंग कॉलेज खोलने में लगा हुआ है . जिसका रिजल्ट है की आज का बीटेक स्टुडेंट बहुत लाचार है . और तो और ए आई सी टी ई ने अब बी टेक कोर्स में प्रवेश के लिए १२वी में कम से कम मार्कस 55 % से घटाकर 45% मार्कस कर दिए . इससे साफ़ नज़र आता है की आने वाले समय में बी टेक करणे वालो को ऑर भी मुश्कील का सामना करणा पडेगा क्यो कि अधिकतर कंपनी मे जोब के लिये कम से कम 60% 10, 12, ऑर बीटेक मे होना जरुरी हैअब आप ही बताये ये और भी सोचनीय बात ये है की आज कल जो बड़े प्राइवेट टेक्नीकल एजुकेसन ग्रुप है वो अपनी प्राइवेट यूनिवर्सिटी बनाने में लगे हुए है. इतनी जायदा प्राइवेट यूनिवर्सिटी को होना कहा तक सही है और कहा तक गलत? क्या एस से कोई नुकसान है ? क्या एस सबसे स्टुडेंट
के भविष्य पर कोई निगेटिव असर पड़ेगा? बताये ………
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