अक्सर हम जिंदगी के सफर में सफलता की राह से भटक जाते हैं। कभी शुरवात में भटकते हैं, तो कभी बीच में, तो कभी मंजिल तक पहुचने से थोड़ा पहले। यह...
अक्सर हम जिंदगी के सफर में सफलता की राह से भटक जाते हैं। कभी शुरवात में भटकते हैं, तो कभी बीच में, तो कभी मंजिल तक पहुचने से थोड़ा पहले। यह भटकाव कई कारणों से हो सकता है। सफलता तक न पहुंच पाने का एक बहुत बड़ा कारण यह भी है कि हम को खुद पर भरोसा नही होता और हम अपनी क्षमताओ को सही से पहचान नही पाते या फिर अपनी क्षमताओ को कम आंकने लगते हैं।
हमे अपनी क्षमताओ, अपनी विशेषताओ के बारे में पता होना बहुत जरूरी है। आप इसे कुछ इस तरह से समझो कि जब तक किसी सेल्समेन को अपने प्रोडक्ट के बारे में सही से नही पता होगा तब तक आप उससे उसका प्रोडक्ट नही खरीदोगे। जितना खुद को जानोगे , अपनी ताकत, अपनी अच्छाईओ के बारे जानोगे, उतना खुद के करीब होते जाओगे। अगर आपको लगता है की आप प्रमोशन के लायक नही हो तो धीरे धीरे आपके बॉस को भी यही लगने लगेगा की आप प्रोमोशन के लायक नही हो। जब आपको अपनी शक्तियों अपनी खुबिया का पता होगा तो आपको अपनी वैल्यू अपना महत्व पता लगेगा तभी दुसरे भी आपमें विश्वाश करेंगे।
कभी कभी हमारे पास आईडिया तो होते हैं पर खुद पर विश्वास न होने के कारण हम शुरुवात नही करते ऐसे में याद रखो :
( IDEA + BELIEVE = SUCCESS )
किस्मत पर विश्वास करके मत बैठे रहो। करना है तो करना है। अक्सर आपके पास दो विकल्प होते है या तो करो या फिर छोड़ो। जैसे ही आप "करो" वाले विकल्प को चुनते हो और खुद को उसमे रखते हो तो आपके भीतर कॉन्फिडेंस आना शुरू हो जाता है। लेकिन जैसे ही आप सही समय के इंतज़ार में या किस्मत के भरोसे या भगवान भरोसे चीज़ो को छोड़ देते हो तो आप दूसरे विकल्प को चुन लेते हो।
इसको याद रखो और काम पर लग जाओ।
"मंजिल मिल ही जायेगी , देर से ही सही ,गुमराह तो वो हैं जो घर से निकले ही नहीं "
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