आये दिनों हम लोग अक्सर एलियन के बारे में कुछ न कुछ रिसर्च पड़ते रहते हैं , सुनते रहते हैं अक्सर हमे सुनने में आता है कि इस अंतरिक्ष में क...
आये दिनों हम लोग अक्सर एलियन के बारे में कुछ न कुछ रिसर्च पड़ते रहते हैं , सुनते रहते हैं अक्सर हमे सुनने में आता है कि इस अंतरिक्ष में कही न कही किसी न किसी ग्रह पर एलियन का अस्तित्व है। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में एलियन की खोज में कोई सफल परिणाम नहीं मिल पाये है जिनके आधार पर किसी सत्य निर्णय पर पंहुचा जा सके , इसका एक प्रमुख कारण जो सामने आया है वह "उन ग्रहों पर कम अवधि का जीवन" है। वैज्ञानिकों के अनुसार इन ग्रहों पर जीवन मुश्किल है, इसलिए उन पर पाये जाने प्राणी जल्दी ही विलुप्त हो जाते हैं।
हाल ही में इस शोध समूह में शामिल आस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी के भारतीय मूल के आदित्य चोपड़ा अनुसार यह ब्रह्मांड रहने योग्य कई ग्रहों से भरा है, इसलिए वैज्ञानिकों की धारणा है कि इन ग्रहों पर एलियन भी होने ही चाहिए। लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है। क्योंकि तापमान में होने वाले लगातार बदलाव ने इन ग्रहों पर जीवन को कभी अधिक समय तक टिकने ही नहीं दिया, जिसके कारण वहां पर जीवन का विकास नहीं हो पाया।
उन्होने कहा कि इन ग्रहों के पर्यावरण रहने योग्य वातावरण, जीवन निर्मित करने में लम्बे समय तक सक्षम नहीं हैं, क्योंकि जीवन के लिए ग्रीन हाउस गैसों को विनियमित करने की जरूरत है। पानी और कार्बन डाइऑक्साइड सतह के तापमान में स्थिरता लाने के लिए जरूरी होते हैं। ये प्रकिर्याएं इन ग्रहो पर स्थिर नहीं हैं।
यदि हम शुक्र और मंगल ग्रह की बात करे तो हमारी पृथ्वी के चार करोड़ साल पहले शुक्र और मंगल शायद रहने योग्य थे, लेकिन इसके एक लाख साल बाद शुक्र गर्म और मंगल ठंडे ग्रहों में तब्दील हो गया। इस अध्ययन के अन्य सहयोगी चार्ली लीनवीवर के अनुसार 'शुक्र और मंगल के तेजी से बदलते वातावरण में सूक्ष्म जीवन स्थिर रहने में विफल रहे हैं। वहीं पृथ्वी पर स्थिर तापमान ने जीवन के विकास में अहम भूमिका निभाई।यह अध्ययन "एस्ट्रोबायोलॉजी" पत्रिका में प्रकाशित किया गया है।
इस शोध पत्र को पढ़ने के लिए, अधिक जानकारी के लिए रिफरेन्स में दिए गए लिकं पर क्लिक करें
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