ऊर्जा का बढता प्रयोग आज हमारे जीवन का एक अहम् हिस्सा बन गया है . हमारे दैनिक जीवन के अधिकतर काम आज के समय में बिजली से चलने वाले यंत्...
ऊर्जा का बढता प्रयोग आज हमारे जीवन का एक अहम् हिस्सा बन गया है . हमारे दैनिक जीवन के अधिकतर काम आज के समय में बिजली से चलने वाले यंत्रो की मदद से किये जाते है.इसलिए ऊर्जा का अपना एक विशेष महत्व है . जिसको बनाने के लिए तरह तरह के साधन और तकनीको को विकसित किया जा रहा है. जिनमे बड़े स्तर नदियों पर बाँध बनाकर बिजली उत्पन्न करना तो पहले से ही है .
इसके अतिरिक्त बड़े स्तर पर नाभिकीय रिएक्टर बनाकार परमाणु ऊर्जा के द्वारा बिजली उत्पन्न करना भी एक अहम् कदम है . अगर हम छोटे स्तर पर बात करे तो , बिजली बनाने के लिए डीजल इंजन , पेट्रोल इंजन आदि भी बनाए गये. और साथ ही साथ सेल बेटरी बनाकर रासायनिक क्रिया द्वारा बिजली बनाना भी आम तौर पर प्रयोग होता है.

भारतीय मूल के एक अमेरिकी वैज्ञानिक राज दत्त जी ने , जो न सिर्फ ऊर्जा बचाएगी, बल्कि उपलब्ध चिप्स की तुलना में सस्ती भी पड़ेगी.इस चिप की खासियत को ऐसे समझा जा सकता है कि इसकी मदद से प्रोसेसर 90 फीसदी कम ऊर्जा खर्च करेंगे.साथ ही उनकी रफ्तार में 60 परसेंट कि तीव्रता आ जायेगी .
इस तकनीक की खास बात यह है कि सेमीकंडक्टर चिप पर सूचनाओं का ट्रांसफर फोटांस के जरिए होगा.अभी तो इस काम को करने के लिए इलेक्ट्रांस का प्रयोग हो रहा है. पावर कंजंप्शन के नजरिये से तो यह बहुत उपयोगी है ,फोटॉन से सूचनाओं के आदान प्रदान से इतनी हीट उत्पन्न नहीं होती इस कारण प्रोसेसर को ठंडा बनाए रखने के लिए ऊर्जा खर्च नहीं करनी पड़ेगी. और इस तरह यह ऊर्जा कि खपत में कटौती करके ऊर्जा बचाएगी . इलेक्ट्रॉन केंद्रित तकनीक में पुर्जो को ठंडा बनाए रखना जरूरी होता है
.इसके साथ ही एक चिप में ट्रांजिस्टर्स की संख्या बढ़ाई जा सकेगी. पर इसका असर इसकी स्पीड पर पास सकता है .यह चिप अमेरिकी रक्षा प्रतिष्ठान पेंटागन को उपयोगी लगी है और वो जल्द ही इसका इस्तेमाल अगली पीढ़ी के ज्वाइंट स्ट्राइक फाइटर विमान एफ-35 में करने जा रहे है. राज दत्त जी अब पेंटागन से करार करने के बाद इसे सामान्य उपयोग के लिए भी इस चिप को उपलब्ध कराने की सोच रहे हैं. अब देखना है कि कब तक मार्केट में आने वाले यंत्रो में इस चिप क़ा प्रयोग होता है .और कब हम ऊर्जा बचा पते हैं.
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