खाने को तो इस दुनिया में जाने क्या क्या खाया जाता हैतो फिर अगर आपको पता लगे कि हमारे देश में चीटियों कि चटनी भी खायी जाती ...
खाने को तो इस दुनिया में जाने क्या क्या खाया जाता हैतो फिर अगर आपको पता लगे कि हमारे देश में चीटियों कि चटनी भी खायी जाती है तो चौकना मत क्यों कि हमारे देश के छत्तीसगढ़ राज्य में " चीटियों कि चटनी " भी मिलती है। फ़ूड राइटर रचना भट्टाचार्य ने इस चटनी स्वाद चखा है और ये अनुभव किया कि नमक में घुली मिली इस चटनी का स्वाद खट्टा मीठा होता है यूं तो जानने वाली बात ये भी है कि चीटी को यूनानी भाषा में फार्म भी कहते हैं इसलिए चीटी से अम्ल को फार्मिक अम्ल भी कहते हैं चलते चलते ये भी जान ले कि महान वैज्ञानिक आइंस्टीन के मष्तिष्क के रासयनिक विशलेषण में फार्मिक अम्ल होने पता लगा था यानि कि क्या फिर फार्मिक अम्ल आदमी का दिमाग है ? पता नहीं साहब !
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