भारत मे सी डैक संस्थान पहले से ही कॉम्पुटर के क्षेत्र मे अपने काफी पकड बन चुका है खासकर की परम नाम का सुपर कॉम्पुटर बनाकर . इसके अलावा भी स...
भारत मे सी डैक संस्थान पहले से ही कॉम्पुटर के क्षेत्र मे अपने काफी पकड बन चुका है खासकर की परम नाम का सुपर कॉम्पुटर बनाकर . इसके अलावा भी सी डैक के द्वारा काफी रिसर्च की जा चुकी है जैसे की पहले भी सी डैक ने प्राग नाम का सॉफ्टवेर बनया था जिससे की हुम कही भाषा में काम करने की सुविधा कर सकते थे । अभी अभी हाल ही मे सी डैक के वैज्ञानिकों ने एक अहं सफलता हासील कि है आपको कंप्यूटर पर टाइप करने में परेशानी होती है तो आप स्पीच टू टैक्स्ट सेवा का बख़ूबी उपयोग कर सकते हैं। अंग्रेजी के लिए तो कई प्रोग्राम उपलब्ध हैं और हिंदी के लिए भी 80 प्रतिशत से अधिक शुद्धता में आपकी हिंदी को टाइप करने वाला प्रोग्राम श्रुतलेखन कोई पाँच हजार रुपए में उपलब्ध है। इसे सीडैक ने जारी किया है। लेकिन, अब यह सुविधा ब्राउजर के भीतर ही आ चुकी है और इसके लिए अलग से सॉफ्टवेयर प्रोग्राम खरीदने की जरूरत नहीं है। अभी यह सुविधा अंग्रेजी भाषा में ही है, और उम्मीद करें कि भविष्य में हिंदी समेत अन्य तमाम भाषाओं में सुविधा हमें मिलेंगी।
अभी तक जो पाता चला है उसके अनुसार आप को सबसे पहले गूगल क्रोम 11 के बीटा संस्करण का प्रयोग करते हुए गूगल ट्रांसलेट वेब पन्ने पर जाना होगा।यहां पर आपको इनपुट के लिए माइक्रोफोन में बोलने का विकल्प मिलेगा। ज्सिके कारण अंग्रेजी में बोले गए वाक्य को यह अपने सर्वर पर भेजता है तथा वहां इसे पहचान कर अंग्रेजी पाठ में ट्रांसक्राइब कर ब्राउजर के स्क्रीन पर पेश करता है। इसके बाद में इस अंग्रेजी पाठ को गूगल ट्रांसलेट के जरिए हिंदी में बदल सकते हैं। अब आप इसे गूगल ट्रांसलेट के जरिए लेंग्वेज पेयर अंग्रेजी, हिंदी चुनकर हिंदी में अनुवाद किया जा सकता है। हालांकि इस ट्रांसलेटर के जरिये जटिल ट्रांसलेशन नहीं किया जा सकता। सिर्फ साधारण अंग्रेजी को ही हिंदी में बदला जा सकता है।
तो फिर इसका फायदा क्या है इसका हमारे लिए और क्या फयादा कल्पना कीजिए कि आपके मोबाइल उपकरण में यह सुविधा अब चीनी भाषा में भी उपलब्ध हो गई है। तो आपके मोबाइल में बोली गई चीनी भाषा को आप पहले टैक्स्ट रूप में दर्ज कर सकते हैं फिर उसे गूगल ट्रांसलेट के जरिए चीनी से अंग्रेजी और फिर अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद कर सकते हैं। हो सकता है कि वह अनुवाद स्तरीय न हो, मगर सामने वाले के द्वारा चीनी भाषा में कह क्या रहा है, उसका आशय क्या है यह तो हमें थोड़ा बहुत समझ में आ ही जाएगा। यह सिर्फ अभी की बात है, अगर तकनीक की रफ्तार यही रही तो भाषा की सभी दीवारें टूट जाएंगी।अब इसके असली फायदे का पाता तो प्रयोग करने के बाद ही चल पायेगा तब के लिए इंतजार किजीये
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