विज्ञान कि खोज मे होता ये है कि जब् वैज्ञानिक के दिमाग मे विचार आते है तो वो रिसर्च के पीछे लग जाते है ओर फिर ऊनके दिमाग की बत्ती जलत...


विज्ञान कि खोज मे होता ये है कि जब् वैज्ञानिक के दिमाग मे विचार आते है तो वो रिसर्च के पीछे लग जाते है ओर फिर ऊनके दिमाग की बत्ती जलती है । दिमाग कि इस बत्ती के ऊपर भी ऊन्होने रीसर्च की है ओर कहा है कि सच मे ऐसा होता है ।
वैज्ञानिको ने एक शोध् के अनुसार पत लगाया है कि जब् कोइ हमारी बात से सहमत होता है तो खुशी से दिमाग कि बत्ती जलने लगती है । व्यक्ति के दिमाग मे एक विशेष भाग ऐसा भी होता है ये भाग तब् सक्रिय होता है जब् किसी किसी मुद्दे पर व्यक्ति कि राय से दूसरे लोग सहमत हो जाते है । इस प्रक्रिया को दिमाग कि बत्ती जलना कहते है। दिमाग की सक्रियता के आधार पर ये भी पता लगाया जा सकता है कि लोग आपकी बात से कितने प्रभावित होते है । देन्मार्क आरहस युनिवर्सिती के सहयोग से प्रोफ़ेसर् क्रिस फ़्रिथ् ने इस रीसर्च के लिये २८ लोगो के दीमाग की जाच की और ऊनक एम आर आइ जाच से ऊनके दिमाग की सक्रियता मापी और इस दौरान ये भी देखा गया कि किसी की बातो मे हा मे हा मिलाने से व्यक्ति के दिमाग पर क्या असर पडता है । पता चला की जब् किसी व्यक्ति की पसंद य ऊसके विचारो से दूसरे लोग सहमत हो जाते है तो दीमाग खुशी से सरोबार हो जाता है ।
विश्वास कीजिये आपके दीमग की बत्ती भी जलेगी।
COMMENTS